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चेंजमेकर DM

झाँसी सक्सेस मॉडल की प्रेरक कहानियाँ

ganme-changer झाँसी के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में डी.एम. रविंद्र कुमार का कार्यकाल नवाचार, समावेशिता और लोगों के कल्याण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता से आबद्ध रहा। उनके नेतृत्व ने झाँसी में विकास की एक नई लहर को प्रेरित किया, जिसने इसे एक जीवंत और प्रगतिशील शहर में बदल दिया।
इस पुस्तक का उद्देश्य डी.एम. रविंद्र कुमार और उनकी टीम की प्रमुख पहलों और उपलब्धियों को उजागर करना तथा झाँसी के लोगों के जीवन पर उनके काम के प्रभाव को प्रदर्शित करना है। पुस्तक का प्रत्येक अध्याय डी.एम. रविंद्र कुमार के कार्यकाल के एक अलग पहलू पर केंद्रित है।
कार्यालय में उनके शुरुआती दिनों से लेकर प्रौद्योगिकी के उनके अभिनव प्रयोग तक, पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान से लेकर विरासत और पर्यटन को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों तक, हर अध्याय उन रणनीतियों और पहलों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, जिन्होंने झाँसी के विकास और विस्तार की पटकथा लिखी।
यह प्रेरक पुस्तक डी.एम. रविंद्र कुमार और उनकी टीम की दूरदर्शिता, नेतृत्व और समर्पण के लिए एक विनम्र शब्दांजलि है, जिसने झाँसी को विकास की ऊँचाइयों पर पहुँचाया। यह पुस्तक पाठकों को अपने- अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगी, साथ ही आई.ए.एस. की तैयारी कर रहे प्रतिभागियों का भी मार्गदर्शन करेगी।
अपूर्व दूरदृष्टि, अप्रतिम इच्छाशक्ति और संपूर्ण समर्पण के साथ दायित्व का निर्वहन करने को सदैव तत्पर झाँसी के डी.एम. रहे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी रविंद्र कुमार के कर्तृत्व पर अंतर्दृष्टि डालती प्रेरक पुस्तक ।

कहानी संग्रह: देवदूत

devdootकहानी संग्रह के रूप में प्रस्तुत ‘देवदूत’ ऐसी सच्ची घटनाओं का संग्रह है जिनमें जीवन से निराश व हताश लोगों के जीवन में एक अप्रत्याशित मोड़ आता है और किसी व्यक्ति के सहयोग से उनका नारकीय व दुखद जीवन सुख की लालिमा को देखने लगता है। देवदूत की कहानियों में वे ही घटनाएं चित्रित की गई हैं जो उन पात्रों से साक्षात्कार करते समय मुझे बतलाई गईं।
इन कहानियों को खोजते हुए मैंने मानव विषाद व वंचनाओं को अति निकट से देखा एवं मेरी लेखनी ने उन सभी मार्मिक अनुभवों को एक क्रम में सजाने की कोशिश की है।
देवदूत में एक ऐसे ही व्यक्ति के जनकल्याणकारी कार्यों का वर्णन है, जिनसे पीड़ितों व उपेक्षित लोगों को उनके बुरे समय में इलाज, वित्तीय सहायता, सम्मान, सुरक्षा, भोजन, वस्त्र, योजनाओं का लाभ आदि प्राप्त हुई और उनके जीवन का विषाद अचानक से कम हो गया।
जैसे-जैसे आप इस पुस्तक के पन्नों में चित्रित उन सच्ची घटनाओं को पढ़ेंगे, वैसे-वैसे आपको उन पीड़ितों की पीड़ा और उनकी पीड़ा को हरने के लिए उनके जीवन में आये देवदूत के जनपरोपकारी कार्यों के बारे में पता चलेगा।




कहानी संग्रह: स्वप्न रथ

manybooks-new आई.ए.एस. बनने का सपना अधिकांश नौजवान देखते हैं, किंतु चंद लोग ही अपने उस ख्वाब को हकीकत में बदल पाते हैं। इसका कारण यू.पी.एस.सी. परीक्षाका अत्यंत कठिन होना नहीं है, बल्किइसमें सफल होने के पीछे वांछित मेहनत व लगन के साथ-साथ आवश्यकता है असीम धैर्य व सकारात्मक चिंतन की, और यही वह तत्त्व है, जिसका अभाव वर्तमान छात्र-छात्राओं में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। ‘स्वप्नरथ’ एक ऐसी ही कृतिहै, जिसमें लेखक डॉ. अनिरुद्ध रावत ने एक ऐसे ही नौजवान की कहानी गढ़ी है, जो लंबे समय से अध्ययन से दूर रहते हुए भी यू.पी.एस.सी. के संग्राम-समर में कूद जाता है और अपने धैर्य व सकारात्मकता के रथ पर सवार होकर अंततः अपने सपनों को साकार करता है। यह उपन्यास एक आई.ए.एस. अधिकारी, कुशल पर्वतारोही, आशु कवि रविंद्र कुमार, जो वर्तमान में झाँसी (उत्तर प्रदेश) के जिलाधिकारी हैं, के जीवन संघर्ष पर आधारित है; किंतु लेखक डॉ. रावत ने इसमें एक साधारण नवयुवक के संघर्ष को ही उजागर किया है।





कहानी संग्रह: सपनों का सारथी

Sapno-Ka-Sarthi-Book-Cover रविंद्र कुमार बिहार के जिला बेगूसराय के एक छोटे से गाँव बसही में जनमे। उच्च शिक्षा के लिए राँची चले गए और आई.आई.टी. प्रवेश परीक्षा में चयनित हुए। उन्होंने मर्चेंट नेवी में प्रशिक्षण प्राप्त किया और शिपिंग क्षेत्र में सेवाएँ दीं। नौकरी छोडक़र कड़ी मेहनत से आई.ए.एस. अधिकारी बने।
रविंद्र कुमार भारत के प्रथम व एकमात्र आई.ए.एस. अधिकारी हैं, जिन्होंने दो बार माउंट एवरेस्ट पर सफ लतम चढ़ाई की।
रविंद्र कुमार ने सिक्किम, उत्तर प्रदेश तथा केंद्र सरकार में विभिन्न पदों पर सेवाएँ दीं। वर्तमान में जिलाधिकारी झाँसी के पद पर कार्यरत हैं। वे एक आशुकवि व लेखक हैं। अब तक उनकी सात कृतियाँ प्रकाशित हैं। अपनी कृति ‘एवरेस्ट : सपनों की उड़ान, सिफर से शिखर तक’ के लिए वर्ष 2020 में ‘अमृतलाल नागर पुरस्कार’ से सम्मानित।
यह पुस्तक रविंद्र कुमार के जीवन के अनेक अनछुए पहलुओं का लेखा-जोखा है। यह एक व्यक्ति के संघर्ष, दृढ़ संकल्प व सकारात्मक सोच से उपलब्धियों की ओर बढऩे की ऐसी कहानी है, जो युवा पीढ़ी को कुछ कर-गुजरने की प्रेरणा देती है।

Nath Nagri Bareilly (Coffee Table Book)

Jhansi - The City of Valour (Coffee Table Book)

Gaon Gaon ki Gaurav Gatha

Book “Many Everests” Release by Cabinet Secretary of India book-relase

Dignitaries on the dais releasing the book (L-R):
1. Ms Diksha, IFS 2013, Author’s wife
2. Sri BK Prasad, IAS 1983, Secretary, GOI
3. Sri AK Manocha, CMD IRCTC
4. Sri Sanjay Kothari, IAS 1978, Ex-Secretary DoPT, GOI and present chairman , PESB
5. Sri Pradeep k Sinha , IAS 1977, Cabinet Secretary, GOI
6. Sri Ravindra Kumar, IAS 2011, Author
7. Sri PK Jha, IAS 1982 , Secreatry GOI
8. Sri BK Dubey, IAS 1982, Secretary GOI
9. Shashi Shekhar , IAS 1981, Secretary GOI